विद्या और पुरूषार्थ के होते हुए भी सफलता नहीं मिलती। ऐसे में यहां दिए गये कुछ सरल उपायों, टोटकों और मंत्रों से सफलता मिलने की संभावना बन सकती है। यदि बेरोजगारी का घटाटोप हो रहा हो तो रोजगार का प्रकाश पाने के लिए इन टोटकों को कर के देखें। : तीन सौ ग्राम काले उड़द का आटा लेकर, बिना छाने इसको गूंथकर खमीर उठा लें। तत्पश्चात् इसकी एक-एक रोटी तैयार करके मामूली-सी आंच पर सेंक लें, ताकि इसकी आसानी से गोलियां बन सकें। इस रोटी में से एक चौथाई भाग तोड़कर काले रंग के कपड़े में बांध लें, शेष पौन रोटी की 101 छोटी-छोटी गोलियां बनाकर, किसी ऐसे जलाशय के पास जायें, जिसमें मछलियां हों। जलाशय में एक-एक कर सारी गोलियां मछलियों को खिला दें। अब कपड़े में बंधी रोटी को मछलियों को दिखाते हुए एक साथ पानी में प्रवाहित कर दें। इस प्रकार 40 दिनों तक नियमित रूप से यह क्रिया करें। इससे बेरोजगारी अवश्य दूर होगी तथा कोई नौकरी, व्यापार अथवा उदर-पूर्ति के लिए कुछ न कुछ व्यवस्था जरूर हो जायेगी। दूसरा टोटका : बृहस्पतिवार (जुमेरात) को एक नर कौए को पकड़कर कर ले आयें, पिंजरे में बंद कर दें। खाने के लिए दाना-पानी दें। रविवार की सुबह उसे दही में चीनी मिलाकर खिलाएं और दोपहर को चावलों के भात में दूध व दही मिलाकर खाने को दें। इसके बाद सोमवार के दिन, जहां से काम हासिल करने का खयाल हो, वहां जायें। उस जगह के मुखय दरवाजे में दाखिल होते वक्त दायें पांव को पहले रखें। इस तरह से वहां पहुंचने के साथ ही आपको काम मिल जायेगा। इंटरव्यू (साक्षत्कार) में सफलता प्राप्त करने की साधना : सामग्री : स्फटिक मणिमाला (108 मनकों की) माला : उपर्युक्त समय : दिन का कोई भी समय आसन : सफेद आसन दिशा : पूर्व दिशा, इक्कीस बार प्रतिदिन अवधि : ग्यारह दिन मंत्र : ऊँ ह्रीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्यसिद्धि करि करि फट् स्वाहा। प्रयोग : यह प्रयोग स्फटिक मणिमाला पर किया जाता है। सामने पीला वस्त्र बिछाकर उस पर 108 मनकों की मंत्र सिद्ध प्राण-प्रतिष्ठा युक्त स्फटिक मणिमाला रख दें और केसर से उसका पूजन करें। सामने अगरबत्ती या दीपक जला दें। यह दीपक शुद्ध घृत का हो। फिर उपर्युक्त मंत्र का इक्कीस बार उच्चारण करें। इस प्रकार 11 दिन तक करने से वह माला 'विजय माला' में परिवर्तित हो जाती है। जब किसी इंटरव्यू या साक्षात्कार में जायें तो उस माला को बुशर्ट अथवा कुर्ते के नीचे पहनकर जायें, ऐसा करने पर साक्षात्कार में अवश्य ही सफलता प्राप्त होती है। नौकरी प्राप्त करने का सुलेमानी मंत्र : सामग्री : जलपात्र, तेल का दीपक, लोवान, धूप आदि। माला : मूंगे की माला समय : दिन का कोई भी समय आसन : किसी भी प्रकार का आसन दिशा : पूर्व दिशा जप संखया : नित्य ग्यारह सौ अवधि : चालीस दिन मंत्र : ऊँ या मुहम्मद दीन हजराफील भहक अल्लाह हो। यह मुसलमानी प्रयोग है तथा किसी भी शुक्रवार को प्रारंभ किया जा सकता है। प्रातः उठकर बिना किसी से बातचीत किये सवा पाव उड़द के आटे की रोटी बनायें और उसे आंच पर अपने हाथों से सेकें इसके बाद रुमाल पर रोटी के चार टुकड़े करके रख दें। उसमें से एक टुकड़े का े नदी या तालाब में ले जाकर डाल दें, जिससे कि मछलियां उनको खा जायें। शेष रोटी के जो तीन भाग बचेंगे, उनमें से एक भाग कुत्ते को खिला दें, दूसरा भाग कौवे को खिला दें और तीसरा भाग रास्ते में फेंक दें। इस प्रकार चालीस दिन नित्य प्रयोग करें, तो मनोवांछित नौकरी या रोजी प्राप्त होती है और आगे जीवन में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती है। नौकरी प्राप्त करने हेतु ताबीज : जो पढ़-लिखकर भी नौकरी न पा सके हों, वे निम्नलिखित यंत्र को कागज पर अनाज की कलम द्वारा केसर से लिखकर अपने सामने रखें और उपास्य देव का ध्यान करके बाद में ताबीज में रखकर या भुजा में बांध लें। ऐसा करने से नौकरी पाने के लिए आने वाली रुकावटें कम हो जायेंगी। रोजगार प्राप्ति हेतु तांत्रिक टोटका : बेकार (बैठे) नौजवानों के लिए नौकरी दिलाने अथवा उनका काम-धंधा जमाने में यह ताबीज रामबाण के सदृश अचूक सिद्ध होता है। उपर्युक्त यंत्र को मंगलवार या गुरुवार के दिन से लिखना शुरु करें। भोजपत्र पर अष्टगंध स्याही से अनार की कलम द्वारा लिखें। प्रतिदिन दो सौ एक यंत्र लिखें। जब पांच हजार यंत्र लिखे जा चुके, तो आखिरी यंत्र को स्वर्ण या तांबे के ताबीज में बंद करें और ताबीज को दाहिनी भुजा में बांध लें। शेष यंत्रों को आटे की गोलियों में बंद करके दरिया में वहा दें। भगवती लक्ष्मी की कृपा और भरपूर धन प्राप्त करने हेतु अनेक टोने-टोटके, गंडे-ताबीज, अंगूठियां और रत्न ही नहीं, बल्कि बड़ी-बड़ी तांत्रिक साधनाएं तक प्राचीनकाल से ही संपूर्ण विश्व में प्रचलित रही हैं। हमारे धर्म में दीपावली पूजन के साथ कई प्रकार के यंत्रों, पूजाओं और मंत्रों की साधना प्राचीनकाल से होती रही है, तो इस्लाम में भी इस प्रकार के अनेक नक्श और ताबीज हैं। इनमें से पूर्ण प्रभावशाली और साधना में एकदम आसान कुछ टोने-टोटके और यंत्र-मंत्र इस प्रकार हैं- कुछ शक्तिशाली टोटके : दान करने से धन घटता नहीं, बल्कि जितना देते हैं उसका दस गुना ईश्वर हमें दे देता है। आयुर्वेद में वर्णित 'त्रिफला' का एक अंग 'बहेड़ा' सहज सुलभ फल है। इसका पेड़ बहुत बड़ा, महुआ के पेड़ जैसा होता है। रवि-पुष्य के दिन इसकी जड़ और पत्ते लाकर पूजा करें, तत्पश्चात् इन्हें लाल वस्त्र में बांधकर भंडार, तिजोरी या बक्से में रख दें। यह टोटका भी बहुत समृद्धिशाली है। पुष्य-नक्षत्र के दिन शंखपुष्पी की जड़ घर लाकर, इसे देव-प्रतिमाओं की भांति पूजें और तदंतर चांदी की डिब्बी में प्रतिष्ठित करके, उस डिब्बी को धन की पेटी, भंडार घर अथवा बक्स व तिजोरी में रख दें। यह टोटका लक्ष्मीजी की कृपा कराने में अत्यंत समर्थ प्रमाणित होता है। धन प्राप्ति के लिए दस नमस्कार मंत्र : इनमें से किसी भी एक मंत्र का चयन करके सुबह, दोपहर और रात्रि को सोते समय पांच-पांच बार नियम से उसका स्तवन करें। मातेश्वरी लक्ष्मीजी आप पर परम कृपालु बनी रहेंगी। ऊँ धनाय नमः, ऊँ धनाय नमो नमः, ऊँ लक्ष्मी नमः, ऊँ लक्ष्मी नमो नमः, ऊँ लक्ष्मी नारायण नमः, ऊँ नारायण नमो नमः, ऊँ नारायण नमः, ऊँ प्राप्ताय नमः, ऊँ प्राप्ताय नमो नमः, ऊँ लक्ष्मी नारायण नमो नमः धन प्राप्ति हेतु ताबीज : नीचे चार आसान यंत्र दिये जा रहे हैं। इनमें से किसी भी एक को कागज पर स्याही से अथवा भोज पत्र पर अष्टगंध से अंकित करके धूप-दीप से पूजा करें। चांदी के ताबीज में यंत्र रखकर मातेश्वरी का ध्यान करते हुए इसे गले में धारण करें और ऊपर दिये गये किसी मंत्र का नियम से स्तवन भी करते रहें। इन सामान्य यंत्रों और यंत्रों के पश्चात् आगे परम शक्तिशाली मंत्र, यंत्र और तांत्रिक प्रयोग इस प्रकार से हैं- ऊँ लक्ष्मी वं, श्री कमला धरं स्वाहा। इस मंत्र की सिद्धि 1 लाख बीस हजार मंत्र जप से होती है। इसका शुभारंभ बैशाख मास में स्वाति नक्षत्र में करें, तो उत्तम रहेगा। जप के बाद हवन भी करें। ऊँ सच्चिदा एकी ब्रह्म ह्रीं सच्चिदी क्रीं ब्रह्म। इस मंत्र के 1 लाख बीस हजार जप से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। ऊँ ह्रीं ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं क्रीं क्रीं क्रीं स्थिराओं। इसकी सिद्धि 110 मंत्र नित्य जपने से 41 दिनों में संपन्न होती है। माला मोती की और आसन काली मृगछाला का होना चाहिए। इसकी साधना कांचनी वृक्ष के नीचे करनी चाहिए। ऊँ नमो ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी ममगृहे धनं चिंता दूरं करोति स्वाहा। प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर 1 माला (108 मंत्र) का नित्य जप करें तो लक्ष्मी की सिद्धि होती है। ऊँ नमो पद्मावती पधनतने लक्ष्मी दायिनी वाछांभूत-प्रेत विन्ध्यवासिनी सर्व शत्रुसंहारिणी दुर्जन मोहिनी ऋद्धि-सिद्धि कुरु-कुरु स्वाहा। ऊँ नमः क्लीं श्रीं पद्मावत्यै नमः। इस यंत्र को सिद्ध करने के लिए साधना के समय लाल वस्त्रों का प्रयोग करना चाहिए और पूजा में प्रयुक्त होने वाली सभी पूजन-सामग्री को रक्त वर्ण का बनाना होता है। इसकी साधना अर्द्धरात्रि के समय करनी पड़ती है। इसका शुभारंभ शनिवार या रविवार से उपयुक्त रहता है। 108 बार नित्य प्रति जप करें। छारछबीला, गोरोचन, कपूर, गुग्गुल और कचरी को मिलाकर मटर के बराबर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। जप के बाद नित्य प्रति इन गोलियों से 108 आहुतियां देकर हवन करना चाहिए। इस साधना को 22 दिन तक निरंतर करना चाहिए। तभी लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है। ऊँ नमो पद्मावती पद्मनेत्र वज्र बज्रांकुश प्रत्यक्षं भवति। इस मंत्र की सिद्धि के लिए लगातार 21 दिन तक साधना के समय मिट्टी का दीपक बनाकर जलाएं। जप के लिए मिट्टी के मनकों की माला बनायें और नित्य प्रति 1 माला अर्थात 108 मंत्र का श्रद्धापूर्वक जप किया जाये तो लक्ष्मी देवी प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। ऊँ नमः भगवते पद्मपद्मात्य ऊँ पूर्वाय दक्षिणाय पश्चिमाय उत्तराय अन्नपूर्ण स्थ सर्व जन वश्यं करोति स्वाहा। प्रातःकाल स्नानादि सभी कार्यों से निवृत्त होकर 108 मंत्र का जप करें और अपनी दुकान अथवा कारखाने में चारों कोनों में 10-10 बार मंत्र का उच्चारण करते हुए फूंक मारें। इससे व्यापार की परिस्थ्तियां अनुकूल हो जायेंगी और हानि के स्थान पर लाभ की दृष्टि होने लगेगी। ऊँ नमः काली कंकाली महाकाली मुख सुंदर जिये व्याली चार बीर भैरों चौरासी शत तो पूजूं मानये मिठाई अब बोलो काली की दुहाई। इस मंत्र को सिद्ध करने के बाद प्रातः काल स्नान, पूजन, अर्चन आदि से निवृत्त होकर पूर्व की ओर मुख करके बैठें और सुविधा अनुसार 7, 14, 21, 28, 35, 42 अथवा 48 मंत्रों का जप करें। इस प्रक्रिया से थोड़े दिनों में नौकरी अथवा व्यापार के शुभारंभ की व्यवस्था हो जायेगी। ऊँ नमः भगवती पद्मावती सर्वजन मोहिनी सर्वकार्य वरदायिनी मम विकट संकटहारिणी मम मनोरथ पूरणी मम शोक विनाशिनी नमः पद्मावत्यै नमः। इस मंत्र की सिद्धि करने के बाद मंत्र का प्रयोग किया जाये तो नौकरी अथवा व्यापार की व्यवस्था हो जाएगी। उसमें आने वाले विघ्न दूर हो जायेंगे। धूप-दीप आदि से पूजन करके प्रातः, दोपहर और सांयकाल तीनों संध्याओं में एक-एक माला मंत्र जप करें। धन प्राप्ति हेतु तांत्रिक मंत्र : यह मंत्र महत्वपूर्ण है। इस मंत्र का जप अर्द्धरात्रि को किया जाता है। यह साधना 22 दिन की है और नित्य एक माला जप होना चाहिए। यदि शनिवार या रविवार से इस प्रयोग को प्रारंभ किया जाये तो उचित रहता है। इसमें व्यक्ति को लाल वस्त्र पहनने चाहिए और पूजा में प्रयुक्त सभी सामान को रंग लेना चाहिए। दीपावली के दिन भी इस मंत्र का प्रयोग किया जा सकता है और कहते हैं कि यदि दीपावली की रात्रि को इस मंत्र की 21 माला जप करें तो उसके व्यापार में उन्नति एवं आर्थिक सफलता प्राप्त होती है। मंत्र : ऊँ नमो पदमावती पद्मालये लक्ष्मीदायिनी वांछाभूत प्रेत विन्ध्य वासिनी सर्व शत्रु संहारिणी दुर्जन मोहिनी ऋद्धि-सिद्धि कुरु-कुरु स्वाहा। ऊँ क्लीं श्रीं पद्मावत्यै नमः। जब अनुष्ठान पूरा हो जाये तो साधक को चाहिए कि वह नित्य इसकी एक माला फेरे। ऐसा करने पर उसके आगे के जीवन में में निरंतर उन्नति होती रहती है। धन प्राप्ति का साबर मंत्र : नित्य प्रातःकाल दंत धावन करने के बाद इस मंत्र का 108 बार पाठ करने से व्यापार या किसी अनुकूल तरीके से धन प्राप्ति होती है। मंत्र : ऊँ ह्रां श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी ममगृहे धनं पूरय चिन्ताम् तूरय स्वाहा।